इनोसैंट हार्टस ग्रीन मॉडल टाऊन में अध्यापकों के ‘प्रोफैशनल डिवैल्पमैंट’ पर लगातार तीन दिन वर्कशाप का आयोजन किया गया। दिल्ली से आई रिसोर्सपर्सन श्रीमती नंदिता मुखर्जी ने अध्यापकों को ‘क्रिएटिव टीचिंग’ का अर्थ समझाते हुए क्लासरूम में ‘डिफरैंशियल इंस्ट्रक्शन्स’ टैक्नीक का इस्तेमाल करते हुए बच्चों के साथ किस तरह का व्यवहार करना चाहिए, क्योंकि प्रत्येक बच्चा अलग है, उसकी समस्याएं भी अलग हैं। दूसरी वर्कशाप दिल्ली से आई हुई अवनीत कौर ने ली जोकि बच्चों की साइकोलोजी समझने में माहिर हैं। उन्होंने अपनी ट्रेनिंग के दौरान अध्यापकों को समझाया कि क्लासरूम को स्टूडैंट फ्रैंडली बनाना आवश्यक है, ताकि प्रत्येक बच्चे के साथ मित्रतापूर्वक व्यवहार से उसकी समस्याओं का समाधान किया जा सके। इसके साथ-साथ उन्होंने अध्यापकों को प्रत्येक बच्चे के कैलीबर को समझते हुए उसे उसी तरह व्यवहार में लाने की प्रेरणा दी। तीसरे दिन साईकोलोजिस्ट हिमानी सिंह मित्तल ने अध्यापकों को ‘इफैक्टिव टीचिंग’ के टिप्स देते हुए उन्हें समझाया कि वह आपको अपडेट करें, ताकि आधुनिक पीढ़ी के बच्चों के प्रत्येक प्रश्न के उत्तर उनके पास हो। विद्यालय की वाइस-प्रिंसीपल शर्मिला नाकरा ने आए हुए रिसोर्सपर्सन को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। डायरैक्टर प्रिंसीपल धीरज बनाती ने बताया कि अध्यापकों के लिए समय-समय पर ऐसी वर्कशाप का आयोजन विद्यालय की मैनेजमैंट द्वारा किया जाता है, जिससे अध्यापकों की टीचिंग की टैक्नीक को और बेहतर बनाया जा सके।
The correlation analysis refer to the techniques used measuring the closeness of the relationship between variables. "Correlation analysis deals with the association between two or more variables." 1. Positive and Negative Correlation: whether correlation is positive or negative would depend upon the direction of change. i.e if as one variable is increasing the other, on an average is also increasing or if one variable is decreasing the other, on an average is also decreasing, correlation said to be positive. If on the other hand one variable is increasing, the other is decreasing or vice versa it is said to be negative correlation. e.g 1. Positive correlation: X : 10 12 15 18 20 X: 80 70 60 40 30 Y...